शेयर बाजार मे नुकसान से बचने के लिए पढ़े PB Ratio Kya Hota Hai ? और PB Ratio Calculate Kaise Kare ?

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अगर आप शेयर बाजार मे निवेश करते है या निवेश करने का मन बना रहे है तो किसी भी शेयर मे निवेश करने से पहले आपको PB Ratio Kya Hota Hai ? और PB Ratio Calculate कैसे करते है? और इससे संबन्धित प्रश्नो को जानना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन आपको यह (PB Ratio in Hindi) तभी अच्छे से समझ मे आयेगा जब आप ये समझ जाएंगे की Book Value Kya Hota Hai ?, Face Value in Hindi, Market Value Kya Hota Hai ?, बुक वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अंतर है? 

इस आर्टिक्ल के माध्यम से आप जानेंगे की PB Ratio Kya Hota Hai ? PB Ratio Formula Kya Hota Hai ?  फेस वैल्यू (Face Value) क्या होती है? कंपनी की वैल्यूएशन कैसे निकाले?, कंपनी की Book Value Calculate कैसे करें? Book Value Per Share कैसे निकाले?, PB Ratio Formula in Hindi, एक अच्छा पीबी अनुपात क्या है? शेयर बजार में इनवेस्ट करने से पहले आपको शेयर की Fundamental Analysis के लिए बुक वैल्यू (Book Value), मार्केट वैल्यू (Market Value), पीबी रेशियो (PB Ratio in Hindi), PE Ratio Kya Hota Hai और PE Ratio Kitna Hona Chahiye ये जानना बहुत ही जरूरी है। PE Ratio जानने के लिए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते है।  

फेस वैल्यू क्या होती है ? Face Value Kya Hota Hai ?

फेस वैल्यू (Face Value) किसी कंपनी के द्वारा शेयर जारी करते समय प्रमाण पत्र मे दिखाया गया शेयर का मूल मूल्य होता है। फेस वैल्यू समय के साथ बदलती नहीं। किसी कंपनी के शेयर का फेस वैल्यू (Face Value) तभी बदलेगी जब Stock Split होगा। फेस वैल्यू (Face Value) का मार्केट वैल्यू से डायरेक्ट संबंध नहीं होता। इसके वैल्यू मे बाजार की तेजी या मंदी से फर्क नहीं पड़ता। 

 शेयर बाजार मे फेस वैल्यू का महत्व क्या है?

Share ki Face Value Kya hoti Hai फेस वैल्यू किसी सेक्युर्टी के बॉन्ड और शेयर्स से संबन्धित प्रमुख पहलुओ की गणना करने का महत्वपूर्ण पैरामीटर है जैसे- शेयरों का बाजार मूल्य, प्रीमियम, रिटर्न, ब्याज भुगतान। कोई भी कंपनी जब डिविडेंड देती है तो वो फ़ेस वैल्यू के परसेंटज के आधार पर देती है। 

Equity Capital = Face Value * No. of Shares

  • Equity Capital – यह कंपनी के शुरुआत मे प्रमोटर या इन्वेस्टर द्वारा डाला गया पैसा होता है। यह एक लीगल कैपिटल (पूंजी) होता है जिसे व्यवसाय मे बनाए रखा जाना चाहिए। पैसा इससे नीचे नहीं जाना चाहिए। कंपनी के पास जो फ़ंड इक्विटि कैपिटल के ऊपर बचता है उसे कंपनी निवेशको को डिविडेंड या बोनस देने मे इस्तेमाल करती है।
  • सभी कंपनियां फेस वैल्यू पर शेयर और बॉन्ड जारी करती हैं। किसी विशेष कंपनी द्वारा शेयरों का फेस वैल्यू तय करने के लिए कोई निश्चित मानदंड नहीं हैं। आमतौर पर, इसे कंपनी द्वारा मनमाने ढंग से सौंपा जाता है।

उदाहरण- अगर किसी कंपनी का इक्विटि कैपिटल (Equity Capital) 2 करोड़ है और शेयर की फेस वैल्यू 10 तय की गयी है तो वो कंपनी कितने शेयर जारी (Allot) कर सकती है?

Equity Capital = Face Value * No. of  Issued Shares

2 Crore = 10 * No. of  Issued Shares

No. of  Issued Shares = 2 Crore / 10 = 20 लाख

यदि कंपनी का इक्विटि कैपिटल (Equity Capital) 2 करोड़ है और शेयर की फेस वैल्यू 10 है तो वो कंपनी 20 लाख शेयर जारी कर सकती है और कंपनी के एक शेयर का शुरुआती अंकित मूल्य हुआ 10 रुपए।

प्रमोटर ने शुरुआत मे 2 करोड़ का फ़ंड इक्विटि कैपिटल मे डाला पर वो आगे चलकर प्रॉफ़िट मे बढ़कर इक्विटि कैपिटल 20 करोड़ का हो गया इसमे 18 करोड़ का प्रॉफ़िट हुआ जो रिजर्व कहा जाएगा। अब यही 18 करोड़ रुपए कंपनी का कैश रिजर्व होगा जो कंपनी Bonus या डिविडेंड के लिए उपयोग करती है।

*इस उदाहरण के डाटा को ध्यान मे रखिएगा इसका जिक्र नीचे बुक वैल्यू वैल्यू के उदाहरण मे किया गया है।

बुक वैल्यू क्या होती है? Book Value Kya Hota Hai ?

बुक वैल्यू (Book Value in Hindi) किसी कंपनी के Balance Sheet के अनुसार शेयर होल्डर के Equity की वैल्यू होती है, अगर किसी कंपनी के सारे असेट्स को बेच देने के बाद और उसके सारे कर्ज को चुकता करने के बाद जो धन राशि बचती है उसे कंपनी का Book Value कहते है। यह शेयर होल्डर को मिलने वाली राशि या उनके शेयर की वैल्यू होती है। यह कंपनी का नेट वर्थ होता है।

कंपनी की Book Value Calculate कैसे करें?

बुक वैल्यू (Book Value) = Tangible Assets – Total Liabilities

  • Tangible Asset ( Fixed Asset + Current Asset) का मतलब कंपनी की सारी संपत्ति जिसमे भवन, इनवेंटरी, चल स्टॉक, निर्माण उपकरण, मशीनरी, कार्यालय से लेकर फर्नीचर तक सभी का मूल्य होता है।
  • Total Liabilities (Normal Liabilities + Current Liabilities) का मतलब कंपनी द्वारा लिया गया सम्पूर्ण कर्ज।

Book Value Per Share कैसे निकाले? 

किसी कंपनी के Book Value Per Share निकालने के लिए उस कंपनी का बुक वैल्यू निकालकर उसमे कंपनी कंपनी द्वारा जारी किए कुल शेयर का भाग दे देंगे और उससे जो वैल्यू प्राप्त होगी उसे ही Book Value Per Share या Book Value of Share कहा जाएगा।

Book Value Per Share Formula = Book Value Of Company / No. of Out Standing Shares

= (Tangible Assets – Total Liabilities) / No. of Out Standing Shares

आइए इसे उदाहरण से समझते है मानलीजिए किसी कंपनी का वर्तमान फ़ेस वैल्यू 10 है, कंपनी द्वारा जारी कुल शेयरो की संख्या 20 लाख है और कंपनी का Total Asset 30 करोड़ है जिसमे *20 करोड़ इक्विटि कैपिटल (प्रमोटर या इनवेस्टर द्वारा शुरुआत मे डाला गया फ़ंड जो बढ़ा है ऊपर के उदाहरण से) का भाग है और बाकी का 10 करोड़ कर्ज (Liabilities) है। अब प्रमोटर के 20 करोड़ रुपए जो है वही कंपनी की बुक वैल्यू होगी। अब BVPS in Share Market (Book Value per Share) होगा। 

प्रथम विधि –

Book Value of Company = Tangible Assets – Total Liabilities = 30 Crore – 10 Crore = 20 Crore.

अब, Book Value Per Share = Book Value of Company / No. of Out Standing Shares

= 20 Crore / 20 Lakh

Book Value Per Share = 100 Rs.

द्वितीय विधि –

जैसा की ऊपर Equity Capital के उदाहरण मे बताया था की कंपनी की Initial Equity Capital 2 करोड़ था जो कुछ दिनो बाद प्रॉफ़िट के साथ अब बढ़कर 20 करोड़ का Equity Capital हो गया है, इसमे 18 करोड़ का प्रॉफ़िट हुआ जो कैश रिजर्व कहा जाएगा।

Book Value Per Share = (Initial Equity Capital + Cash Reserve) / No. of Out Standing Shares

= (2 Crore + 18 Crore) / 20 Lakh = 100 Rs.

बुक वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अंतर है ? (Difference Between Book Value and Face Value in Hindi)

बुक वैल्यू (Book Value) फेस वैल्यू (Face Value)
यह कंपनी के बैलेन्स शीट पर दर्शाया गया कंपनी के शेयरो का मूल्य होता है।  इसका उपयोग कंपनी के शेयर और बॉन्ड जारी करने के लिए होता है।
यह कंपनी के Tangible Asset और Liabilities का अंतर होता है। यह कंपनी द्वारा तय किया जाता है। इसके गणना का कोई मानक नहीं है।

मार्केट वैल्यू (Market Value) क्या होता है ? और बाजार मूल्य की विशेषताएं

Market Value Meaning in Hindi  वह मूल्य जिस पर स्टॉक एक्स्चेंज मे शेयर का कारोबार होता है शेयर का बाजार मूल्य कहलाता है। यह शेयर का वर्तमान कारोबारी (Current Trading Price of Stock) मूल्य होता है। कंपनी के बाजार मूल्य की गणना कंपनी द्वारा जारी किए गए कुल शेयरो की संख्या को शेयर के वर्तमान बाजार मूल्य से गुणा करके करते है। यह निवेशको द्वारा तय किया गया मूल्य होता है। 

किसी कंपनी और उसके शेयर के बाज़ार मूल्य (Market Value) मे बाजार की स्थितियों के अनुसार उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसके कीमत मे बदलाव कंपनी के फ्युचर ग्रोथ, व्यापक आर्थिक संकेतकों, सरकारी नीतियों और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में बदलाव के कारण हो सकता है। मार्केट वैल्यू ट्रेडिंग के दौरान बदलती रहती है। शेयर की मार्केट वैल्यू कंपनी के मार्केट वैल्यू से सीधा संबन्धित होता है, यदि शेयर का मार्केट वैल्यू बदला तो कंपनी का मार्केट वैल्यू बदल जाएगा और यदि शेयर का मार्केट वैल्यू बदला तो कंपनी का मार्केट वैल्यू बदल जाएगा। 

उदाहरण-  माना कोई कंपनी A है और उसका बिजनेस मॉडल अच्छा है तो निवेशको को लग रहा है की ये कंपनी आगे भी अच्छा करेगी और आगे चलकर कंपनी और भी बड़ी बनेगी तो निवेशक इसके शेयर को खरीदना चालू करेंगे और इसको Premium देने को तैयार होंगे जिससे शेयर का भाव बढ़ जाएगा और जिसके वजह से कंपनी का भी भाव बढ़ जाएगा। लेकिन कंपनी मे अगर कुछ बुरा हुआ तो निवेशको के मन मे कंपनी के ग्रोथ को लेकर संदेह उत्पन्न होगा जिसके कारण निवेशक शेयर बेचना चालू करेंगे और जिससे शेयर का भाव गिरेगा और इसी कारण से कंपनी का भी भाव गिरेगा।  

  • बाजार मूल्य की गणना कैसे करे ? How to Calculate Market Value ?

माना किसी कंपनी के शेयर की वर्तमान बाजार मूल्य 200 Rs. है और कुल शेयरो की संख्या 10 लाख है तो कंपनी का बाजार मूल्य कितना होगा?

Market Value of Company = Company’s No. of Outstanding Shares * Current Market Price of Share

= 10 Lakh * 200 = 20 Crore होगा।

मार्केट कैप क्या है?

बाजार मूल्य का दूसरा नाम है  मार्केट कैप (Market Cap)।

बाजार मूल्य और बुक वैल्यू मे अंतर (What is the Difference Between Book Value And Market Value in Hindi)

बाजार मूल्य (Market Value) बुक वैल्यू (Book Value)
बाजार मूल्य कंपनी के भविष्य के बारे मे धारणा है। यह कंपनी के फ्युचर ग्रोथ को देखर निवेशको द्वारा तय किया गया मूल्य होता है।  यह कंपनी के बैलेन्स शीट पर दर्शाया गया कंपनी के शेयरो का मूल्य होता है। 
इसका मूल्य निवेशक कंपनी के Tangible Asset (भवन, इनवेंटरी, चल स्टॉक, निर्माण उपकरण, मशीनरी, कार्यालय से लेकर फर्नीचर तक सभी का मूल्य) और Intangible Asset (ब्रांड वैल्यू, तकनीकी, कॉपीराइट, स्ट्रेटजी, लीडरशिप इत्यादि) दोनों को मिलाकर तय करते है। यह बाजार का रुझान बताता है।  किसी कारण कंपनी के कुल एसेट (Tangible Asset) को बेचकर और उसकी कुल देनदारी ( Total Liabilities) को चुकता करने के बाद बचने वाली शेष राशि होती है। जो निवेशको को मिलता है उसके भागीदारी के हिसाब से। इसमे Intangible Asset को नहीं लेते। 
यह कंपनी के अब से लेकर भविष्य के होने वाले परफॉर्मेंस की संभावनाओ पर दिया जाने वाला मूल्य होता है। 

मार्केट वैल्यू कंपनी या उसकी संपत्ति के अनुमानित मूल्य को  निवेशक को सूचित करता है।

यह कंपनी के Past से लेकर अबतक के परफॉर्मेंस को बताता है।  

बुक वैल्यू कंपनी की संपत्ति के वास्तविक मूल्य या लागत को दिखाता है। 


उदाहरण – माना A नाम की कंपनी के शेयर का बुक वैल्यू 150 Rs. है और मार्केट वैल्यू 200 Rs. है इसका मतलब है की निवेशक इसके कीमत पर प्रीमियम देने को तैयार है। बाजार को लग रहा है की इसका Business Model अच्छा है ये भविष्य मे और भी अच्छा करेगी तो ऐसी कंपनी मे ग्रोथ इनवेस्टर निवेश करते है। इंडेक्स के शीर्ष पर अधिकांश कंपनियां, जैसे Sensex, S & P 500, के पास बुक वैल्यू की तुलना में अधिक मार्केट वैल्यू है। 

माना कोई कंपनी B है जिसके शेयर का बुक वैल्यू 150 Rs. है और मार्केट वैल्यू 100 Rs. है इसका मतलब है यह शेयर डिस्काउंट पर चल रहा है। जब ऐसा होता है, तो आमतौर पर इसका मतलब यह होता है कि बाजार को कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर भरोसा नहीं है। यह किसी भी कारण से हो सकता है जैसे की कंपनी की ऑपरेटिंग समस्या, अनफेवरबल इकॉनमी इत्यादि से। लेकिन वैल्यू इनवेस्टर ऐसे शेयरों में निवेश करना पसंद करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि कंपनी भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेगी, और शेयर का मार्केट वैल्यू बढ़ेगा।

पीबी अनुपात क्या है ? पीबी अनुपात अर्थ (PB Ratio in Hindi) 

PB रेशियो का Full Form होता है Price to Book Ratio जिसका मतलब है Price to Book Value. आसान भाषा मे कहे तो शेयर के बुक वैल्यू और मार्केट वैल्यू की तुलना करना ही पीबी अनुपात कहलाता है। शेयर के मार्केट प्राइस मे शेयर के बुक वैल्यू से भाग देकर पीबी अनुपात निकालते है। PB Ratio का मतलब होता है की कितने टाइम है मार्केट वैल्यू बूक वैल्यू का।

PB Ratio Formula (PB Ratio Kya Hota Hai)

PB Ratio = Current Market Price of Share / Book Value of Share 

एक अच्छा पीबी अनुपात क्या है? 

  • यदि आपको किसी कंपनी का बुक वैल्यू और पीबी का वैल्यूएसन पता करना है तो कंपनी जीस सेक्टर से है उसी सेक्टर की कंपनी और उस सेक्टर के पीबी से तुलना करना चाहिए।
  • अगर शेयर का  पीबी अनुपात 2 से कम है तो इसे बाज़ार की नजर से अच्छा माना जाता है। 
  • परिसंपत्ति भारी उद्योगों के लिए कम पीबी अनुपात होता है जैस- यदि आप ऑयल सेक्टर की कंपनियो को देखेंगे तो उनका पीबी अनुपात कम होता है क्योंकि उनकी बुक वैल्यू ज्यादा होती है कारण उनका प्लांट इन्स्टालेशन और मशीनरी एसेट ज्यादा होता है। 
  • परिसंपत्ति हल्के उद्योगो  के लिए उच्च पीबी अनुपात होता है जैसे – यदि आप टेक्नालजी सेक्टर की कंपनियो को देखेंगे तो उनका पीबी अनुपात कम होता है क्यूंकी उनका बुक वैल्यू कम होता है कारण उनके पास एसेट कम होता है उनका सारा खर्च टेक्नालजी का होता है। 
  •  ऐतिहासिक पीबी, प्रतिस्पर्धी पीबी की तुलना स्टॉक के सही मूल्य का अनुमान लगाने के लिए की जा सकती है।

फ़ेस वैल्यू, बुक वैल्यू , बाजार मूल्य  और पीबी अनुपात से संबन्धित कुछ प्रश्न 

फेस वैल्यू कैसे निकालते हैं ? 

Face Value निकालने का कोई निश्चित पैमाना नहीं है इसे कंपनी द्वारा तय किया जाता है। जब कोई आईपीओ आता है तो फ़ेस वैल्यू से ही उसके शेयर जारी किया जाता है।

किसी शेयर का अधीकतम या न्यूनतम फ़ेस वैल्यू कितना हो सकता है ?

किसी शेयर का फ़ेस वैल्यू अधीकतम कुछ भी हो सकता है। अधिकांश कंपनियो के फ़ेस वैल्यू न्यूनतम एक 1 से लेकर 100 के बीच होते है। भारत मे स्टॉक एक्स्चेंज मे लिस्ट होते समय कंपनियो का फ़ेस वैल्यू अधिकतर 10 होता है।

क्या शेयर का फ़ेस वैल्यू 1 से कम हो सकता है ? 

किसी भी शेयर का फ़ेस वैल्यू 1 से कम नहीं हो सकता।

क्या शेयर की वर्तमान कीमत फेस वैल्यू से नीचे जा सकती है ?

हाँ शेयर की वर्तमान कीमत फ़ेस वैल्यू का नीचे जा सकती है। इसका मतलब की कंपनी का परफॉर्मेंस बहुत कमजोर है। बाजार मे कंपनी के पिछले परफॉर्मेंस के आधार पर भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा संदेह है। ऐसा अधिकतर तब होता है जब कंपनी बड़े वित्तीय संकट मे हो या कानूनी कारवाई मे फस गयी हो। जब शेयर का बाजार मूल्य शेयर के फ़ेस वैल्यू (नाम मात्र मूल्य) से नीचे चला जाता है तो उसे डिस्काउंट पर बिकने वाला शेयर बोला जाता है।

क्या कंपनियों का शेयर फ़ेस वैल्यू के आधार पर जारी होता है ?

हाँ कंपनियों के शेयर का विभाजन फ़ेस वैल्यू के तय करने के बाद ही होता है।

क्या डिविडेंड फ़ेस वैल्यू के आधार पर जारी किया जाता है ?

कोई भी कंपनी जब डिविडेंड देती है तो वो फ़ेस वैल्यू के परसेंटज के आधार पर वार्षिक लाभ से देती है। 

क्या शेयर का फ़ेस वैल्यू बदलता है ?

शेयर का फ़ेस वैल्यू बाजार की परिस्थितियो पर निर्भर नहीं करता यह केवल स्टॉक के विभाजन के बाद ही बदलता है।

बुक वैल्यू क्या शेयर का वास्तविक मूल्य होता है ?

यह कंपनी की संपत्ति के वास्तविक मूल्य या लागत को दिखाता है। शेयर का बुक वैल्यू (Book Value per Share in Hindi) शेयर का वास्तविक मूल्य बताता है। 

कंपनी का अधिकतम बुक वैल्यू कितना हो सकता है ?

कंपनी का अधिकतम बुक वैल्यू कुछ भी हो सकता है यह उसके एसेट पर निर्भर करता है। High Book Value per Share Khareedna Chahiye ki Nahi अगर बुक वैल्यू बाजार मूल्य से कम या अधीक है तो आपको कंपनी के और भी पैरामीटर को देख कर और उस पर रिसर्च करके निवेश करना चाहिए।

स्टॉक का पीबी अनुपात कितना होना चाहिए ? PB Ratio Kitna Hona Chahiye

अगर शेयर का  पीबी अनुपात 2 से कम है तो इसे बाज़ार की नजर से अच्छा माना जाता है। 5 से ऊपर पीबी अनुपात होने पर निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है।

कंपनी का मार्केट कैप कैसे कैलकुलेट करते है ? How Market Cap is Calculated ?

मार्केट कैप को मार्केट वैल्यू के नाम से भी जाना जाता है इसकी गणना के लिए स्टॉक के वर्तमान बाजार मूल्य को कंपनी के जारी कुल शेयर से गुणा कर देते है जिससे मार्केट कप पता चल जाता है।

निष्कर्ष- 

इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना की किसी कंपनी के अतीत, वर्तमान और भविष्य को जानने के लिए किन – किन पैरामीटर की जरूरत पड़ती है यदि कंपनी का दिवालिया हो जाए तो कंपनी के बिकने पर कितना पैसा मिलेगा तो आपने जाना की PB Ratio Kya Hota Hai ?, Book Value Kya Hota Hai ?, Face Value in Hindi, Market Value in Hindi, Book Value Calculate Kaise Kare ? Difference Between Book Value and Market Value in Hindi, Difference Between Book Value and Face Value in Hindi और बहुत सी जानकारियाँ इससे संबन्धित जानने को मिली अगर आपको ये आर्टिकल PB Ratio Kya Hota Hai ? अच्छी लगी हो तो कमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं और इसे आगे शेयर करे…

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