What is Intrinsic Value of Stock in Hindi? शेयर बाजार मे 1 भी रूपये इन्वेस्ट करने से पहले जाने

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अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करते है या इन्वेस्टमेंट करने का मन बना रहे है तो आपको ये जानना चाहिए की Intrinsic Value  क्या होता है? What is Intrinsic Value of Stock in Hindi? अगर आप शेयर बाजार मे निवेश करते है तो आप चाहे Beginners हो पुराने Investor किसी भी शेयर मे निवेश करने से पहले आपको उसके Fundamentals को जरूर देखना चाहिए जिससे होने वाले भारी नुकसान से बच सकते है। इसलिए आपको किसी भी कंपनी मे निवेश करने से पहले आपको जानना चाहिए What is Intrinsic Value of a Company? 

ये भी देखना चाहिए Book Value of Stock, P/E Ratio, EPS, TTM EPS, ROCE, ROE और कंपनी के Future Growth और Past Record की एनालिसिस जरूर करनी चाहिए, कंपनी का Debt/Equity Ratio, Free Cash Flow, Sales Growth, Market Cap, कंपनी का नेट प्रॉफिट, कंपनी के पास पड़े रिज़र्व, कंपनी के Total Asset और Total Liabilities की तुलना करनी चाहिए और प्रोमोटर होलडिंग देखना चाहिए।

अगर आपको Intrinsic Value के बारे मे नहीं पता तो आप इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे की Intrinsic Value of Company क्या होता है?, Intrinsic Value Calculation कैसे करते है, Intrinsic Value Meaning in Hindi, Intrinsic Value Formula क्या होता है? आइए जानते है Intrinsic Value क्या होता है? (What is Intrinsic Value in Hindi)

Intrinsic Value  क्या होता है? (What is Intrinsic Value of Stock in Hindi)

किसी स्टॉक का आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) उसका वास्तविक मूल्य होता है। किसी स्टॉक के Intrinsic Value की गणना उस स्टॉक के मौद्रिक लाभ के आधार पर की जाती है जिसे आप भविष्य में उस स्टॉक से  प्राप्त होने की उम्मीद करते हैं।  Intrinsic Value  स्टॉक वह अधिकतम मूल्य है जिस पर आप भविष्य में बिना किसी नुकसान के संपत्ति खरीद सकते हैं, जब आप इसे बेचते हैं।

जैसा की  किसी स्टॉक के  तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) से आपको यह अनुमान लगाने में मदद मिलता  है कि स्टॉक की कीमत कैसे आगे बढ़ने वाली है और यह किस कीमत के स्तर को छू सकती है। हालांकि, कीमत अभी भी स्टॉक के आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) से बहुत निकटता से जुड़ी हुई है। इसलिए, तकनीकी विश्लेषण केवल स्टॉक मूल्य आंदोलन की दिशा और सीमा निर्धारित करने में मदद करता है। किसी शेयर के कीमत को विशेष  दिशा मे ले जाने के लिए उसके आंतरिक मूल्य से ही मदद मिलती है।

आइये इसे एक उदाहरण से समझते है जैसा की अगर आप कोइ घर खरीदना चाहते है और आपका उद्देश्य है उसे किराए पर देना तब आप उसके लिए कितना भुगतान करने को तैयार होंगे।

Total Rent Earned in 20 Year + Selling Price of House = Intrinsic Value of  House

मान लीजिए आप इसे 20 साल तक रखना चाहते हैं। आप शायद इससे अधिक भुगतान नहीं करना चाहेंगे जितना आप संभवतः इससे कमा सकते हैं। दूसरे शब्दों में, 20 वर्षों में अर्जित कुल किराया, साथ ही वह कीमत जो आपको 20 वर्षों के बाद इसे बेचने पर प्राप्त हो सकती है। इस प्रकार परिकलित मूल्य फ्लैट का आंतरिक मूल्य होगा। किसी स्टॉक का आंतरिक मूल्य वह कुल राशि है जो आप भविष्य में इससे अर्जित कर सकते हैं।

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Intrinsic Value Calculation कैसे करते है?

आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) की गणना आम तौर पर दो तरीकों से की जाती है- वर्तमान मूल्य विधि (Present Value Method) और सापेक्ष मूल्य विधि (Relative Value Method)

वर्तमान मूल्य विधि (Present Value Method)

ऊपर जैसे आपने घर के आंतरिक मूल्य को जाना उसी प्रकार इक्विटि शेयरो के भी आंतरिक मूल्य को जान सकते है। शेयरों के मामले में भविष्य की अपेक्षित आय क्या है? जब आप शेयरों में निवेश करते हैं, तो कंपनी आपको अपनी वार्षिक आय में एक हिस्सा प्रदान करती है। इसे लाभांश कहा जाता है। साथ ही, जिस तरह अपार्टमेंट के मामले में, आपको अपना हिस्सा बेचने पर एक राशि प्राप्त होती है। यदि आप लाभांश के मूल्य और शेयर के भविष्य के विक्रय मूल्य (जिसे टर्मिनल मूल्य कहते हैं) को जोड़ सकते हैं, तो आपको अपने शेयर का आंतरिक मूल्य (What is Intrinsic Value of Stock in Hindi) प्राप्त होगा।

यहाँ पर एक चेतावनी भी है क्या आज आपको दिए गए 200 रुपये के लाभांश का वही मूल्य है जो 20 साल बाद आपको चुकाए गए 200 रुपये का है? शायद ऩही! बीस वर्षों के बाद प्राप्त 200 रुपये का मूल्य आज प्राप्त समान राशि से कम है। दूसरे शब्दों में, मुद्रा मुद्रास्फीति के कारण समय के साथ अपना मूल्य खो देती है। क्या आज आप 2000 रुपए मे उतनी ही मात्रा में सामान और सेवाएं खरीद सकते हैं, जितना आपने पांच साल पहले खरीदा था? जी नहीं  क्योंकि समय के साथ पैसे का मूल्य बदलता रहता है, इसे पैसे का समय मूल्य (Time Value of Money) कहा जाता है।

मूल्य में इस बदलाव को समायोजित करने के लिए, आपको प्रत्येक भविष्य के लाभांश को एक प्रक्रिया के माध्यम से रखना होगा जिसे छूट कहा जाता है। इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, आप भविष्य के प्रत्येक लाभांश को एक विशिष्ट दर से विभाजित करेंगे, उन सभी को एक साथ जोड़ने से पहले। इस प्रकार प्राप्त मूल्यों को आंतरिक मूल्य प्राप्त करने के लिए जोड़ा जाता है। वर्तमान मूल्य विधि से आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value of Stock in Hindi) का आकलन इस प्रकार किया जाता है 

  1. भविष्य के लाभांश का अनुमान लगाएं
  2. टर्मिनल मूल्य का अनुमान लगाएं
  3. छूट दर का अनुमान लगाएं
  4. छूट भविष्य लाभांश
  5. डिस्काउंट टर्मिनल मूल्य
  6. डिस्काउंट वैल्यू  जोड़ें

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सापेक्ष मूल्य विधि (Relative Value Method)

आंतरिक मूल्य के कैलक्युलेशन की दूसरी विधि है सापेक्ष मूल्य विधि (Relative Value Method) जिसमे कंपनी के स्टॉक के प्राइस की तुलना उसके फंडामैंटल से की जाती है।

कंपनी का फंडामैंटल एनालिसिस,कंपनी के वित्तीय विवरणों से तैयार की गई कंपनी का एक महत्वपूर्ण वित्तीय आंकड़ा है। जिसमे बिक्री राजस्व, शुद्ध आय या लाभ (Earnings), इक्विटी शेयरों का बुक वैल्यू आदि कुछ प्रमुख फंडामेंटल हैं। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से इन फंडामेंटल के एक हिस्से के मालिक होते हैं। उदाहरण के लिए, आप कंपनी के बिक्री राजस्व (Sales Revenue) या मुनाफे का एक हिस्सा कमाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि शेयरों का मालिक होना आपको कंपनी का आंशिक मालिक बनाता है।

आप कोई भी सामान खरीदने जाते है तो मोल भाव करके आप उसे उसकी सबसे सस्ती प्राइस पर लेना चाहते है आइए एक उदाहरण से समझते है सापेक्ष मूल्य विश्लेषण के लिए आप जिन अनुपातों का प्रयोग कर सकते है उनमे से एक P/E Ratio है इस अनुपात में, आप कंपनी के प्रति शेयर मूल्य की तुलना उसकी प्रति शेयर आय से करते हैं। यदि कंपनी के प्रति शेयर की कीमत 90 रुपये है और प्रति शेयर आय (EPS) 6 रुपये है, तो स्टॉक का PE 15 होगा। इसका मतलब है कि कंपनी की कमाई के प्रत्येक रुपये के लिए आपको  15 रुपये का भुगतान करना होगा। 

अब, आपको कैसे पता चलेगा कि यह कीमत उचित है या नहीं, इसे जानने के लिए, आपको इसकी तुलना कंपनी के प्रतिस्पर्धियों के पीई से करनी होगी। यदि प्रतिस्पर्धियों का औसत पीई 20 है, तो आपको अपने शेयर सस्ते में मिल रहे हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि प्रतिस्पर्धियों में से एक के हिस्से के लिए, आपको औसतन 20 रुपये प्रति यूनिट कमाई का भुगतान करना होगा। आपकी कंपनी के लिए, हालांकि, आप केवल 15 रुपये का भुगतान करते हैं। यही कारण है कि इस दृष्टिकोण को सापेक्ष मूल्य दृष्टिकोण कहा जाता है।

PE * EPS = Intrinsic Value of Stock

वैकल्पिक रूप से आप Intrinsic Value of Stock के लिए इसका उपयोग कर सकते है, स्टॉक का आंतरिक मूल्य पीई और ईपीएस का उत्पाद है। इसे ऐसे पता करेंगे माना की आपके प्रतिस्पर्धी कंपनियो का औसत पीई 20 है और आपके के कंपनी का ईपीएस (EPS) 6 है तो इन दोनों का गुड़ा करने पर आपको अपने स्टॉक का आंतरिक मूल्य मिलेगा। यह 120 रुपये होगा। इसका मतलब है कि आपके स्टॉक के लिए भुगतान करने का उचित मूल्य 120 रुपये है। चूंकि आप इसे बाजार में 90 रुपये में प्राप्त कर रहे हैं, यह एक डिस्काउंट है आप इसे खरीद सकते हैं और उम्मीद कर सकते हैं कि यह इस उचित मूल्य की सराहना करेगा।

Relative Value Method का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह स्टॉक के आंतरिक मूल्य की गणना के लिए कंपनी के फंडामैंटलस के साथ-साथ बाजार के रुझान दोनों का उपयोग करता है। यह इसे और अधिक यथार्थवादी बनाता है, लेकिन इसमे कुछ खामिया भी हो सकती है। यदि भविष्य में कंपनी के फंडामैंटलस में नाटकीय रूप से परिवर्तन होता है, तो आपका आंतरिक मूल्य अनुमान गलत साबित हो सकता है।

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Intrinsic Value Formula क्या होता है? 

वैल्यू इन्वेस्टिंग के जनक कहे जाने वाले बेंजामिन ग्राहम के अनुसार स्टॉIntrinsic Value Formula क्या होता हैक के आंतरिक मूल्य का फॉर्मूला है-

Intrinsic Value = [E * (8.5 + 2g) * 4.4] / Y

जहां,

  • E = Earning Per Share (ईपीएस)
  • 8.5 = Assumed Fair P/E Ratio of Stock
  • g = Assumed Future Growth Rate Over 7 to 10 Years
  • 4.4 = Interest Rate of AAA Corporate Bonds in USA in Year 1962
  • Y = Current Yield on AAA-Rated Corporate Bonds

बेंजामिन ग्राहम का ये फॉर्मूला इंटरनेशनल मार्केट के लिए है, भारतीय बाजारो के लिए मार्केट के कुछ एक्सपर्ट ने इसमे थोड़ा बदलाव किया है

Intrinsic Value (for Indian Share) = [E * (7 + g) * 6.5] / Y

यहाँ

  • आप g (स्टॉक के सेल्स ग्रोथ) को 5 साल के हिसाब से भी ले सकते है अगर आप 5 वर्षो के लिए निवेश करते है तो
  • 4.4 (उच्च ग्रेड बांड पर ब्याज दर) को 6.5 (5 सालो का फ़िक्स्ड डिपॉज़िट रेट ) से रिप्लेस करते है।
  • 8.5 (PE) को 7 से रिप्लेस करते है, अगर किसी कंपनी को विकास की कोई उम्मीद नहीं है, तो वे नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने और लाभांश वितरित करने में सक्षम हैं। तो इसका पी/ई 8.5 से ज्यादा होगा।
  • 2 के गुणक को 1 से रिप्लेस करते है क्योकि 2 का गुणक आज के समय मे बहुत आक्रामक है, ग्राहम के समय मे 15 से 20 प्रतिशत का लाभ मुश्किल से मिलता था और आज के समय इतना ग्रोथ आम है।

लेकिन याद रखें, यह सरल गणना मूल्यांकन मॉडल का विकल्प नहीं है। यह फॉर्मूला आपको मूल्यांकन के करीब एक मोटा अनुमान लगाने में मदद करेगा, लेकिन सही मूल्य नहीं। 

  • अगर आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) वर्तमान बाजार मूल्य (Current Market Price) से अधिक है तो स्टॉक अंडर वैल्यूड माना जाता है।
  • अगर आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) वर्तमान बाजार मूल्य (Current Market Price) से कम है तो स्टॉक ओवर  वैल्यूड माना जाता है। 

अगर आपको सुरक्षित निवेश करना है और अच्छा मुनाफा कमाना है तो आपको अंडर वैल्यूड स्टॉक पर फोकस करना चाहिए।

आपको निवेश के लिए अंडर वैल्यूड स्टॉक क्यो देखना चाहिए?

आइये इसे एक उदाहरण से समझते है, माना किसी स्टॉक का मार्केट प्राइस आज 100 रुपए है और उसकी Intrinsic Value 90 रुपए है कुछ दिन बाद स्टॉक का प्राइस 100 रुपए से गिरकर 80 रुपए आ जाता है इसका मतलब स्टॉक अब आपको डिस्काउंट मे मिल रहा क्योंकि स्टॉक का प्राइस अब अपने आंतरिक मूल्य से नीचे है यानि स्टॉक अंडर वैल्यूड।

  1. यदि स्टॉक Under Valued है तो वह अपने Intrinsic Value तक पहुचने के लिए पूरी कोशिश करेगा क्योकि कंपनी की जरूरत है अपने वास्तविक मूल्य तक पहुचना। 
  2. यदि स्टॉक अपने आंतरिक मूल्य तक पहुँच गया तो उसकी पूरी कोशिश होगी ओवर वैल्यूशन के लिए, इसलिए अंडर वैल्यूड स्टॉक खरीदने पर प्रॉफ़िट होता है क्योंकि ऐसे स्टॉक के ऊपर जाने की उम्मीद ज्यादा होती है।

केवल आंतरिक मूल्य ही देखकर स्टॉक मे निवेश नहीं कर देना चाहिए, Intrinsic Value के अलावा हमे और भी फंडामैंटल डेटा चेक करने होते है जैसे- कंपनी पर कर्ज, कंपनी का प्रॉफ़िट मार्जिन, कंपनी का ब्रांड वैल्यू, प्रोमोटर होल्डिंग, प्रोमोटर का गिरवी रखा हुआ शेयर, फ्री कैश फ्लो आदि।

आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value of Stock in Hindi) से जुड़ी सावधानियाँ

  • आंतरिक मूल्य अस्थिर हो सकता है।
  • बाजार मूल्य कभी-कभी आंतरिक मूल्य तक नहीं पहुंच सकता।
  • सभी संपत्ति वर्गों के लिए आंतरिक मूल्य अनुमान संभव नहीं है।

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निष्कर्ष 

इस आर्टिकल What is Intrinsic Value of Stock in Hindi? के माध्यम से आपने जाना की Intrinsic Value  क्या होता है?, स्टॉक मे निवेश करने से पहले Intrinsic Value of a Company  को क्यों देखना चाहिए?, Intrinsic Value Calculation कैसे करते है?, Intrinsic Value Meaning in Hindi, Intrinsic Value Formula क्या होता है? स्टॉक का आंतरिक मूल्य क्या होता है? 

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