What is EPS in Share Market in Hindi? शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जरूर जाने TTM EPS किसे कहते है?

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अगर आप शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने के बारे में सोच रहे है तो आपको पता होना चाहिए What is EPS in Share Market in Hindi और शेयर खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए? आप बिगिनर्स है तो आपको शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको शेयर मार्केट (Stock Market) को सीखना चाहिए किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले आपको कंपनी के शेयर की फंडामेंटल एनालिसिस करनी चाहिए, कंपनी के Future Growth और Past Record की एनालिसिस जरूर करनी चाहिए, कंपनी का Debt/Equity Ratio, Free Cash Flow, Sales Growth, Market Cap, कंपनी का नेट प्रॉफिट, कंपनी के पास पड़े रिज़र्व, कंपनी के Total Asset और Total Liabilities की तुलना करनी चाहिए।

आपको ये भी देखना चाहिए की कंपनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है, कंपनी जिस सेक्टर से है उसमे ग्रोथ है की नहीं, प्रमोटर की होल्डिंग कितनी है, प्रमोटर की होल्डिंग गिरवी (Pledge) तो नहीं है, कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड और बोनस रिकॉर्ड कैसा रहा है, आपको शेयर की फंडामेंटल एनालिसिस के लिए जानना चाहिए की कंपनी का ईपीएस (EPS) कितना है?, कंपनी का P/E Ratio कितना है?, शेयर का Book Value कितना है?, और शेयर का Price to Book Value कितना है?, शेयर का Intrinsic Value कितना है?, शेयर का ROCE और ROE कितना है?

तो आइये हम इस आर्टिकल में जानेंगे की शेयर बाजार में EPS क्या है? (What is EPS in Share Market in Hindi), TTM EPS किसे कहते है? (What is TTM EPS in Hindi), शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले किसी कंपनी का ईपीएस (EPS) क्यों देखना चाहिए? शेयर बाजार में EPS क्यों महत्वपूर्ण है?, ईपीएस (EPS) का शेयर मार्केट में क्या भूमिका है? ईपीएस (EPS) क्या है?

EPS (ईपीएस) किसे कहते है? (What is EPS in Share Market in Hindi)

ईपीएस (EPS in Share Market in Hindi) का फुलफॉर्म है Earning Per Share यानी EPS Meaning है की कोई कंपनी प्रतिवर्ष कंपनी के प्रति शेयर पर कितना शुद्ध लाभ (Net Profit) कमाती है। इसे ही EPS (Earning Per Share) कहा जाता है। ईपीएस से ही किसी कंपनी के आर्थिक स्थिति (Financial Condition) का पता चलता है की कंपनी द्वारा प्रत्येक वर्ष कितना शुद्ध लाभ अर्जित किया जाता है। ईपीएस से पता चलता है की कंपनी का वित्तीय सेहत (Financial Health) कितना अच्छा है। इससे निवेशकों को पता चलता है की कंपनी में निवेश करने लायक है की नहीं। EPS Full form in Hindi होता है प्रति शेयर पर कमाई। 

EPS Formula  

EPS = Net Profit / Common Share Holder 

आइये इसे एक उदाहरण से समझते है मानलीजिए कोई कार निर्माता कंपनी है उसने एक साल में 200 करोड़ का सेल्स (Revenue) Generate किया है तो इसका ये मतलब नहीं है ये Revenue कंपनी का नेट प्रॉफिट है, इस Revenue को Generate करने के लिए कंपनी ने जो लागत (Expense) लगाया है इसको Revenue में से घटाएंगे।

यदि कंपनी ने बैंक से ऋण लिया है तो ऋण के EMI को Revenue में से घटाएंगे, यदि कंपनी में प्रेफर्ड शेयर होल्डर्स मौजूद है तो कंपनी प्रेफर्ड शेयर होल्डर्स को एक फिक्स डिविडेंड देती है इसे भी रेवेनुए में से घटाया जायेगा, इसके बाद बची Revenue की राशि से इनकम टैक्स कंपनी को भरना होगा, अब इन सभी (Expense, Loan EMI, Dividend, Tax) को Revenue में से घटाने के बाद जो राशि बचेगी वही कंपनी का शुद्ध लाभ (Net Profit) होगा। अब कंपनी के नेट प्रॉफिट को कॉमन शेयर होल्डर्स की संख्या से डिवाइड करने पर EPS पता चल जायेगा। 

शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों में दो प्रकार के शेयर होल्डर्स होते है – कॉमन शेयर होल्डर और प्रेफर्ड शेयर होल्डर 

कॉमन शेयर होल्डर कौन होते है? (Who are Common Share Holder)

ऐसे निवेशक जो किसी भी कंपनी के शेयर को आईपीओ के माध्यम से लेते है या कंपनी के शेयर को कंपनी के शेयर मार्केट में लिस्ट होने के बाद लेते है और उस कंपनी में बने रहते है तो कॉमन शेयर होल्डर कहलाते है।  

प्रेफर्ड शेयर होल्डर कौन होते है? (Who are Preferred Share Holder)

ऐसे निवेशक जो किसी कम्पनी में प्रतिवर्ष एक फिक्स डिविडेंड पाने के हकदार होते है अब चाहे कंपनी मुनाफा कमाए या न कमाए फिर भी कंपनी इन निवेशकों को डिविडेंड देती है तो ऐसे निवेशक प्रेफर्ड शेयर होल्डर कहलाते है।  

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EPS Calculation कैसे करे?  

ईपीएस कुछ इस तरह कैलकुलेट करते है 

EPS = (नेट इनकम – प्रेफर्ड डिविडेंड) / एवरेज आउटस्टैंडिंग कॉमन शेयर

उदाहरण के तौर पर जैसे मान लीजिये वित्तीय वर्ष 2021 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध आय 2000 करोड़ था और इसका Preferred Stock Dividend 200 करोड़ था और इसका एवरेज आउटस्टैंडिंग कॉमन शेयर 10 करोड़ है।

Earnings =  20000000000 – 2000000000

               = 18000000000 (Net Profit)

       EPS = 18000000000 / 100000000 = 180 

यानि कंपनी के प्रत्येक शेयर पर प्रतिवर्ष 180 रूपये की कमाई हो रही है। 

ईपीएस (EPS) कितने प्रकार के होते है?

ईपीएस तीन प्रकार के होते है- TTM EPS, Current EPS, Forwarded EPS

TTM EPS किसे कहते है?

एक कंपनी का TTM EPS पिछले वर्ष की संख्या पर आधारित होता है। यह अपनी गणना में पिछली चार तिमाहियों की कमाई का उपयोग करता है, और TTM ईपीएस में अनुमानों के बजाय वास्तविक संख्याओं का उपयोग करने का लाभ होता है। यानि जिस महीने में आप शेयर खरीद रहे है उस महीने के पूर्व के 12 माह की कमाई की गणना होती है। TTM EPS का Full Form होता है Trailing (Last) Twelve Month Earning Per Share. अधिकांश पी/ई अनुपात की गणना अनुगामी ईपीएस का उपयोग करके की जाती है क्योंकि यह दर्शाता है कि वास्तव में क्या हुआ, न कि क्या हो सकता है। हालांकि यह आंकड़ा सटीक है, TTM ईपीएस पुरानी खबर का रिकॉर्ड होता है।

Current EPS क्या होता है?

Current EPS आम तौर पर चालू वित्त वर्ष (Fiscal Year) की चार तिमाहियों को शामिल किया जाता है, यानि जो वित्त वर्ष चल रहा है, Fiscal Year 1 अप्रैल  से लेकर अगले वर्ष 31 मार्च तक का समय होता है इसे ही फाइनेंसियल ईयर भी कहा जाता है, जिनमें से कुछ पहले ही बीत चुकी हैं, और कुछ अभी बाकी हैं। नतीजतन, कुछ आंकड़े वास्तविक आंकड़ों पर आधारित होंगे और कुछ अनुमानों पर आधारित होंगे।

Forwarded EPS क्या होता है?

फॉरवर्ड ईपीएस भविष्य के नंबरों पर आधारित है। इसमें भविष्य के  कुछ समयावधि (आमतौर पर आने वाली चार तिमाहियों) के अनुमान शामिल होते हैं। फॉरवर्ड ईपीएस अनुमान विश्लेषकों या कंपनी द्वारा ही किए जा सकते हैं। हालांकि यह संख्या अनुमानों पर आधारित है और वास्तविक डेटा पर नहीं, निवेशक अक्सर फॉरवर्ड ईपीएस में बहुत रुचि रखते हैं, क्योंकि सामान्य तौर पर, निवेश कंपनी की भविष्य की कमाई क्षमता के अनुमानों पर आधारित होता है।

निवेशक अक्सर इन विभिन्न ईपीएस गणनाओं की तुलना करते हैं। उदाहरण के लिए, वे मौजूदा तिमाही के लिए कंपनी के वास्तविक ईपीएस (Current EPS) के साथ आगे के ईपीएस (जो भविष्य के अनुमान लगाते हैं) की तुलना कर सकते हैं। यदि वास्तविक ईपीएस आगे  के ईपीएस (Forwarded EPS) के अनुमानों से कम हो जाता है, तो शेयर की कीमत गिर सकती है। दूसरी ओर, यदि वास्तविक ईपीएस (Current EPS) अपने अनुमानों को पीछे छोड़ देता है, तो स्टॉक में तेजी आ सकती है।

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शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले किसी कंपनी का ईपीएस (EPS) क्यों देखना चाहिए?

अगर आप किसी कम्पनी में निवेश करने से पहले उसका ईपीएस (EPS in Share Market in Hindi) देखते है तो उस कंपनी का पिछला प्रॉफिट ग्रोथ रेट पता चल जाता है की कंपनी की वित्तीय स्थिति कितनी मजबूत है, इसके लिए आपको कंपनी के पिछले 5 वर्षो का EPS देखना चाहिए, जिस कंपनी का ईपीएस ग्रोथ रेट जितना अच्छा होगा उस कंपनी में निवेश करना अच्छा मन जाता है। लेकिन आपको किसी कंपनी का केवल अच्छा ईपीएस ही देखकर निवेश नहीं करना चाहिए आपको उस कंपनी के और भी फंडामेंटल को चेक करना चाहिए। 

निष्कर्ष  

What is EPS in Share Market in Hindi ईपीएस विशेष रूप से सार्थक हो जाता है जब निवेशक एक ही कंपनी के लिए ऐतिहासिक और भविष्य के ईपीएस आंकड़ों को देखते हैं, या जब वे एक ही उद्योग के भीतर कंपनियों के लिए ईपीएस की तुलना करते हैं। निवेशकों को किसी भी कंपनी के ईपीएस की तुलना उस कंपनी के सेक्टर के अन्य शेयरों से करनी चाहिए, चूंकि ईपीएस केवल एक संख्या है, इसलिए किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले अन्य फंडामेंटल्स  के संयोजन के साथ इसका उपयोग करना आवश्यक है।

जैसा की इस आर्टिकल EPS क्या है? (What is EPS in Share Market in Hindi) के माध्यम से जाना की TTM EPS किसे कहते है? (What is TTM EPS in Hindi), शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले किसी कंपनी का ईपीएस (EPS) क्यों देखना चाहिए? शेयर बाजार में EPS क्यों महत्वपूर्ण है?, ईपीएस (EPS) का शेयर मार्केट में क्या भूमिका है?, ईपीएस (EPS) क्या है?, Current EPS क्या होता है?, Forwarded EPS क्या होता है? अगर आपको ये आर्टिकल What is EPS in Share Market in Hindi अच्छा लगा हो तो कमेंट बॉक्स जरूर बताये और इसे आगे शेयर भी करे  

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