माइक्रोसॉफ्ट डाटा सेण्टर क्यों डूबा रहा है समुद्र में। Why is Microsoft drowning data center in the sea? 2020

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क्या आपको पता है की माइक्रोसॉफ्ट डाटा सेण्टर क्यों डूबा रहा है समुद्र में आप सबने तो माइक्रोसॉफ्ट के बारे में सुना ही होगा की वह ईमेल अकाउंट, फोटो, विडिओ के डाटा स्टोरेज सेण्टर बनाने का काम करती है। आपने जो भी अपना डाटा माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस पर सेव किया होगा वो सब माइक्रोसॉफ्ट अब पानी के अंदर डुबाने जा रहा है क्योंकि की अब माइक्रोसॉफ्ट अपना डाटा सेण्टर पानी के अंदर बनाने जा रहा है तो आइये जानते है माइक्रोसॉफ्ट ऐसा क्यों कर रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट डाटा सेण्टर क्या है| What is Microsoft Data center?

माइक्रोसॉफ्ट डाटा सेंटर यह एक स्टोरेज सिस्टम है जो आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के नेटवर्क, प्रोसेसर, टेलीकम्यूनिकेशन, डाटा बैकअप प्रदान करती है। डेटा सेण्टर बुनियादी ढांचे के सबसे महत्वपूर्ण टुकड़ों में से एक हैं जो आज तक और वैश्विक रूप से अधिकांश आईटी सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें वेबसाइट होस्टिंग, साइंटिफिक रिसर्च, विडिओ स्ट्रीमिंग गवर्नमेंट डाटा शामिल है। पूरे दुनिया में इस समय 8 मिलियन से अधिक डाटा सेंटर मौजूद है जिसकी मदद से हम इंटरनेट एक्सेस कर पाते है। डाटा सेंटर बैकप देती है | 

हमारा डाटा कहाँ स्टोर होता है| Where are store our Data?

जब हम अपने फ़ोन या लैपटॉप में कोई फोटो खींचते है या विडिओ बनाते है तो हम इसे अपने Gmail, cloud या ड्राइव में सेव कर देते है की अगर हमारा डाटा डिलीट हो जाये तो हम दुबारा डाटा का बैकअप पा सके इसके लिए हम इसे किसी cloud storage पर सेव कर देते है और इसके लिए स्टोरेज सिस्टम की कम्पनिया बड़े – बड़े डाटा सेण्टर का निर्माण करती है जहाँ आपका डाटा रखा जाता है जिसके लिए बहुत ही बड़ा खर्च आता है और बहुत ही ज्यादा सुरक्षा रखना पड़ता है।

माइक्रोसॉफ्ट डाटा सेण्टर क्यों डूबा रहा है समुद्र में| Why is Microsoft drowning  data center in the sea?

 दुनिया में बढ़ते इंटरनेट यूजर की वजह से जहा पहले डाटा सेण्टर 2 से 3 एकड़ में बन जाते थे अब 6 से 7 एकड़ में बन रहे है जिससे की आपके डाटा को कोई नुकसान न पहुंचे इसी कड़ी में माइक्रोसॉफ्ट ने एक कदम बढ़ाते हुए अपने डाटा सेण्टर को पानी के अंदर स्थापित करने का ट्रायल कर लिया है जिस प्रोजेक्ट का नाम है नैटिक। क्योकि दुनिया की 50 % आबादी समुद्र के बगल ही स्थित होने के कारण इंटरनेट एक्सेस और स्पीड तेजी से मिलेगी। इसलिए डाटा सेण्टर समुद्र में बनाने का फैसला किया।  

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प्रोजेक्ट नैटिक क्या है| What is Project Natick? 

माइक्रोसॉफ्ट ने 12.2 मीटर लम्बे स्टील सिलिंडर में डाटा स्टोर करके स्कॉटलैंड के ऑक में समुद्र के 117 फ़िट गहराई में फेक दिया और वह सिलिंडर वहाँ पूरे 2 साल तक रखा गया उसके बाद उसे निकाल कर देखा गया तो डाटा पूरी तरह सुरक्षित था पर सिलिंडर के ऊपरी भाग पर कुछ जंग लग गए थे जो ड्राई नाइट्रोजन केमिकल की मदद से सुरक्षित कर लिया जायेगा। इस सिलिंडर के अंदर 5 मिलियन फिल्मों के बराबर का डाटा रखा गया जिसमे 864 सर्वर थे इसका आउटपुट 627 मिलियन गीगा बाइट था। 

डाटा सेण्टर पानी में बनाने के फायदे| it’s benefits 

समुद्र के बगल में रिन्यूएबल एनर्जी से आसानी से बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। जमीन की तुलना में समुद्र अलग से कूलिंग स्टेशन नहीं लगाने पड़ेंगे। जमीन पर तापमान बदलता रहता है पर समुद्र में तापमान पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता  बिजली का खर्च काम होगा। जमीन पर भूकंप और प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ता। समुद्र में एक बार सिलिंडर डाल दिया जायेगा फिर 5 साल बाद ही निकाला जायेगा और पूरी तरह चेक करने के बाद फिर से डाल दिया जायेगा। समुद्र के भीतर डाटा सेंटर बनाना जमीन से 8 गुना बेहतर है।