अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल की सालाना कमाई कितनी है? 1956 से लेकर अबतक का सफर

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आप क्या अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल के बारे में सुने है, जब आपको कभी बाहर का बहुत टेस्टी खाना खाने का मन करता होगा तो सबसे पहले आपके मन में किसी न किसी ढाबा का ख्याल आता होगा क्या आपको पता है की ढाबे के बिज़नेस से एक साल में कितना कमाया जा सकता है इसी कड़ी में मैं आज आप सबको एक ऐसे ढाबे के बारे में बताऊंगा जिसकी एक साल की कमाई सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे की एक ढाबा के बिज़नेस इतना कमाया जा सकता है जी हाँ ऐसा ही एक ढाबा है Amrik Sukhdev Dhaba Murthal. क्या आपको पता है की अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल की सालाना कमाई कितनी है? (Amrik Sukhdev Dhaba Murthal Earning)

अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल का इतिहास (History of Amrik Sukhdev Dhaba Murthal)

अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल आज के समय में भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाला ढाबा। इस फेमस ढाबे की स्थापना सरदार प्रकाश सिंह ने  सन 1956 में हरियाणा राज्य के मुरथल में किया था जो ग्रैंड ट्रंक रोड पर है। शुरुआत में मुख्यरूप से यहाँ सड़क पर चलने वाले ट्रक ड्राइवर के खाने और नहाने के लिए व्यवस्था था जहाँ नास्ते में आलू के पराठे और चाय मिलती थी और खाने में दाल, चावल, रोटी, और सब्जी खाट (चारपाई) पर बैठा कर खिलाने की व्यवस्था थी।

यहाँ पर इनका कम्पटीशन बहुत से ढाबो के साथ था पर पर वहाँ से दिल्ली अम्बाला  एक्सप्रेसवे बनने के वजह से कुछ ढाबा टूट गए तो कुछ अच्छी क्वालिटी और अच्छी कमाई न कर पाने के कारण बंद हो गए पर अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल ने अपनी अच्छी क्वालिटी और सुविधा देने के कारण इनके ढाबे पर खाने वालो की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती गयी और लोग दूर दूर से यहाँ खाने के लिए आने लगे। और अमरीक सुखदेव ढाबा का वर्चस्व आज इतना है की ये एक ब्रांड बन गया है और यहाँ पे पंजाबी NRI और विदेसी यात्री यहाँ का पराठा और खाना खाने आते है यहाँ पर एक दिन में लगभग 15000 लोग खाना खाते है और इसकी कमाई के आगे एक फाइव स्टार होटल भी पीछे हो जाये। अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल की सालाना कमाई 60 करोड़ रूपये से भी ज्यादा है।

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अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल के मालिक और कितने कर्मचारी है? How Many Worker in Amrik Sukhdev Dhaba and It’s Owner

Amrik Singh अपने माँ – बाप के 11 बच्चो में तीसरी औलाद थे। Amrik Singh केवल दसवीं तक पढ़े थे और ये उसी समय से अपने ढाबे का कारोबार संभाल लिए। Amrik के पिता कैश काउंटर सँभालते थे और Amrik और उनके छोटे भाई सुखदेव दोनों लोग ढाबे का बाकि सारा काम सँभालते थे। इन्ही दोनों भाइयो के नाम पर ढाबे का नाम Amrik Sukhdev Dhaba रखा गया। इस ढाबे की शुरुआत एक टिन शेड में हुई थी पर बदलते वक़्त के साथ इस ढाबे के मालिकों के ने ढाबे का स्वरुप भी बदलते रहे। और अब ये ढाबा एक बड़े से जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।

देखते ही देखते ये ढाबा भारत का सबसे अमीर  ढाबा बन गया और पंजाबी NRI के खाने का पसंदीदा जगह भी बन गया। इस समय इस ढाबे के स्वरुप को और चलाने का जिम्मा इनके बेटे Suraj Singh पर है जो इंग्लैंड के ईस्टर्न विश्वविद्यालय से पढ़े है। इस ढाबे पर 300 कर्मचारी है, इस ढाबे पर 160 तरह के फ़ूड आइटम्स मिलते है। यहाँ का सबसे फेमस डिश आलू का पराठा है वैसे तो यहाँ के सारे पराठे और फूड्स लाजवाब है। अगर आप यहाँ कभी जाते है तो पराठा जरूर खाकर टेस्ट करियेगा।

यहाँ पर लोगो को सोने के लिए अच्छी सुविधा के कमरे भी है और यहाँ पर एक साथ 500 गाड़ियों के पार्किंग की भी व्यवस्था है, यह 24*7 चलता है। ढाबे का इंफ़्रा देखकर फाइव स्टार होटल की तरह लगता है यहाँ की लाइटिंग और फाउंटेन बहुत अच्छा लगता, साफ़ सुथरा टॉयलेट, और अच्छा परिवेश है। इस ढाबे के 30 km के दायरे में 50 से ज्यादा बड़े कंपनियों की फ्रैंचाइज़ी है पर इन सबकी सेल इस ढाबे से कम है। लोग इस ढाबे पर खाना खाने के लिए घंटो लाइन में लग जाते है पर दूसरी जगह नहीं जाते। यह एक शुद्ध शाकाहारी ढाबा है। Amrik Sukhdev Dhaba Murthal का शुरुआत से लेकर आजतक का सफर देखकर ये पता चलता है की आप धैर्य, परिश्रम और अच्छी क्वालिटी से कोई भी मुकाम पा सकते है।

निष्कर्ष:

आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना की अगर आप अपने व्यापार में ग्राहक की जरूरतों को पूरा करते है और अपने गुडवत्ता को बनाये रखते है तो आपका छोटा सा भी बिज़नेस एक दिन बड़ा ब्रांड बन सकता है जिस तरह से अमरीक सुखदेव ढाबा मुरथल आज के समय एक ब्रांड है अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और इसे आगे शेयर करे